भारत - मेरा देश महान है....!!!
भारत एक भू-भाग के लिए प्रयुक्त मात्र एक संज्ञा है, अगर कुछ ऐसा है जो इस देश को एक अलग पहचान देता है और भारत की भारतीयता को सार्थक करता है तो वो हैं इस देश के वासी, यहाँ की संस्कृति, सभ्यता, और विविधता में एकता की शक्ति।
बावजूद इसके, लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है, कट्टरता तो कुछ इस तरह समायी है की लोगों को अपने सिवाय कुछ और दिखता ही नहीं। जिनके द्वारा लोगों को इस आग में धकेला जा रहा है, अगर उनके बीच आपसी ताल-मेल बन जाये तो इस समस्या का हल निकाला जा सकता है, लेकिन इससे उन्हें क्या फर्क पड़ता है। मुझे तो आज तक ये समझ नहीं आया की ऐसा करने से किसका और किस प्रकार से फ़ायदा हो सकता है। जो कुछ भी हो रहा है देश में, इससे किसको लाभ मिलेगा ये तो नहीं पता, पर इसका बुरा असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है, कहने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम सभी अपने निजी जीवन में इसके दुष्परिणाम देख रहे हैं।
तात्पर्य सिर्फ इतना है की जैसे बूँद-बूँद से सागर बनता है ठीक कुछ इसी प्रकार इस भू-भाग पर निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर इस विशाल भारत देश का निर्माण हुआ है। व्यक्ति-विशेष की गतिविधि संपूर्ण देश को प्रभावित कर रही है। जिस दिन लोग एक-दूसरे की आत्मनिर्भरता को समझ जायेंगे, स्वतः ही भारत की भारतीयता और सुगमता सार्थक हो जायेगी।
लेकिन अच्छी बात ये है कि कट्टरता पूरे समाज तक न फैल कर सिर्फ कुछ विक्षिप्त मानसिकता तक ही सीमित है, और उससे भी अच्छी बात तो ये है की मानव जीवन नश्वर है और समय के साथ-साथ ऐसी विक्षिप्त मानसिकता का भी नाश हो जाता है। हमारे समाज का एक बड़ा तबका इन सभी तत्वों से दूरी बनाये रखता है, जानते हैं क्यों.... क्योंकि वह इसके निष्कर्ष को भलीभाँति समझ चुका है।
यह देश अजर है, अमर है, और सदा रहेगा....!!!
जय हिन्द
जय भारत
जय भारतभूमि ...
- अंगद यादव
बावजूद इसके, लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है, कट्टरता तो कुछ इस तरह समायी है की लोगों को अपने सिवाय कुछ और दिखता ही नहीं। जिनके द्वारा लोगों को इस आग में धकेला जा रहा है, अगर उनके बीच आपसी ताल-मेल बन जाये तो इस समस्या का हल निकाला जा सकता है, लेकिन इससे उन्हें क्या फर्क पड़ता है। मुझे तो आज तक ये समझ नहीं आया की ऐसा करने से किसका और किस प्रकार से फ़ायदा हो सकता है। जो कुछ भी हो रहा है देश में, इससे किसको लाभ मिलेगा ये तो नहीं पता, पर इसका बुरा असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है, कहने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम सभी अपने निजी जीवन में इसके दुष्परिणाम देख रहे हैं।
तात्पर्य सिर्फ इतना है की जैसे बूँद-बूँद से सागर बनता है ठीक कुछ इसी प्रकार इस भू-भाग पर निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर इस विशाल भारत देश का निर्माण हुआ है। व्यक्ति-विशेष की गतिविधि संपूर्ण देश को प्रभावित कर रही है। जिस दिन लोग एक-दूसरे की आत्मनिर्भरता को समझ जायेंगे, स्वतः ही भारत की भारतीयता और सुगमता सार्थक हो जायेगी।
लेकिन अच्छी बात ये है कि कट्टरता पूरे समाज तक न फैल कर सिर्फ कुछ विक्षिप्त मानसिकता तक ही सीमित है, और उससे भी अच्छी बात तो ये है की मानव जीवन नश्वर है और समय के साथ-साथ ऐसी विक्षिप्त मानसिकता का भी नाश हो जाता है। हमारे समाज का एक बड़ा तबका इन सभी तत्वों से दूरी बनाये रखता है, जानते हैं क्यों.... क्योंकि वह इसके निष्कर्ष को भलीभाँति समझ चुका है।
यह देश अजर है, अमर है, और सदा रहेगा....!!!
जय हिन्द
जय भारत
जय भारतभूमि ...
- अंगद यादव
Comments
Post a Comment